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प्रतिनिधि। 26 जुलाई
गोंदिया। रातभर से जारी कुछ घंटों की मूसलाधार बारिश ने फिर एकबार गोंदिया शहर के बिगड़ैल व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी। पिछले 3 साल से नगर पालिका चुनाव न होने से पूरा शहर नगर प्रशासन के हाथ में है। नगर पालिका की स्थिति जब जागो तब सबेरा जैसी है। जिस कारण हालात बेकाबू हो गए है।

पूरे शहर के निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति इतनी विकराल रूप ले गई कि लोगों को खुद को बचाने घरों से बाहर निकलना पड़ा। शहर के शास्त्री वार्ड, गणेशनगर, एकता कॉलोनी, राजाभोज कॉलोनी, पांडे लेआउट, रानी अवंति चौक, न्यू लक्ष्मी नगर, कुड़वा चौक, सर्कस मैदान, मरारटोली, गजानन कॉलोनी, रिंग रोड, सिविल लाइन, रेलवे स्टेशन, गोरेलाल चौक, गंगाबाई हॉस्पिटल, केटीएस /मेडिकल हॉस्पिटल, हनुमान मंदिर चौक रोड, फुलचुर सहित अनेक इलाके पानी से सराबोर हो चुके है।

रेलवे का पुराना अंडर ग्राउंड मार्ग तो नाले में तब्दील हो चुका है, जिससे आवागमन और वाहनों का जाना बंद हो गया है। इसी तरह सिंग्लटोली/ आंबेडकर वार्ड पर नागपुर-गोंदिया रेल मार्ग पर रेलवे द्वारा रेलवे चौकी बंद कर बनाये गए अंडर पास मार्ग की हालत बेकाबू है। ये अंडर पास पूर्ण रूप से जलभराव से भर चुका है और पानी तेजी से ऊपर तक आ गया है। इस अंडर पास के भरने से रामनगर, सूर्याटोला, सिंग्लटोली का आंबेडकर वार्ड से सड़क संपर्क टूट गया है और आम लोगो को इस तरफ जाने से रोका जा रहा है।


बारिश निरंतर जारी है, जिससे अत्यधिक सड़के नालों में तब्दील हो चुकी है। बारिश के पानी का निकासी मार्ग सफाई न होने से अवरुद्ध होने से ये स्थिति और विकराल रूप ले चुकी है। घरों में पानी घुस गया है। जहरीले जीव जंतु का संपर्क बढ़ गया है। बीमारी का प्रकोप दरवाजों पर दस्तक दे रहा है।


वर्तमान स्थिति को देख प्रत्येक क्षेत्र के पूर्व नगर सेवक, समाजसेवी के रूप में स्थिति से निपटने आम नागरिकों के साथ मिलकर प्रयास कर रहे है। वही क्षेत्र के विधायक विनोद अग्रवाल भी सड़कों पर उतरकर वर्तमान हालियां स्थिति का जायजा लेकर स्थिति से निपटने अधिकारियों को दिशा निर्देश दे रहे है।


जिला प्रशासन ने बरती ढिलाई..
रातभर से बारिश का कहर जारी है। मौसम विभाग द्वारा रेड अलर्ट घोषित करने के बावजूद जिला प्रशासन द्वारा स्कूल/कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए एक दिन पूर्व छुट्टी घोषित नही करने से लोगों में खासी नाराजी देखी गई। सोशल मीडिया पर आज सुबह स्कूलों को छुट्टी घोषित नही किये जाने के मैसेज चलने पर एक मैसेज प्रशासकीय स्तर पर तब चलाया गया जब स्कूल की टाइमिंग हो चुकी थी। ये आनन फानन में बिना आदेश पत्र वाला सिर्फ मेसेज था। स्कूलों ने अपनी सूझबूझ से बच्चों को छुट्टी का मैसेज पहले ही भेज दिया था। इसके पूर्व भी बारिश के दौरान स्कूल कॉलेज के विद्यार्थियों को छुट्टी घोषित करने का आदेश पत्र तब भेजा गया था जब बच्चे स्कूल जा चुके थे। पत्र मिलने के बाद उन्हें वापस घर भेजा गया।
